सिलिकेयर सिलिकॉन इनसोल्स भारत में जर्मन मशीनों और कच्चे माल का उपयोग करके बनाये जाते हैं ताकि आपको विश्व-स्तरीय उत्पाद कम कीमत पर मिल सके। प्रतिद्वन्दियों के सस्ते उत्पाद औद्योगिक सिलिकॉन (जो जैव-संगत नहीं होते हैं) और जेल से (जिनमें झटकों को जज़्ब करने की क्षमता कम होती है) बनाये जाते हैं। सिलिकॉन मनुष्य द्वारा बनाया हुआ एक उत्पाद है। इसे रेत (सिलिका) और ऑक्सीजन से बनाया जाता है। इसकी शुद्धता के कारण यह चिकित्सीय उद्योग का पसंदीदा अंश है। यह अत्यंत दबाव और तापमान से परिवर्तित नहीं होता है।
सिलिकॉन इन्सोल के उपयोग का उद्देश्य
जब हम चलते हैं, तो हमारी एड़ी और पैर का आगे का हिस्सा (उंगलियों से सटा हुआ) हर कदम पर ज़मीन पर पड़ता है। इससे एड़ी से लेकर, ऊपर घुटनों, कूल्हों और पीठ तक ज़मीन के झटके का असर पहुँचता है। जैसे-जैसे समय गुज़रता है, इससे हमारी एड़ी, घुटनों और पीठ में दर्द होने लगता है। हड्डियों की असामान्यताएं, सपाट पैर (फ्लैट फीट) या (आगे की ओर झुकी हुई उंगलियाँ (हैमर टोज़) भी पैर के आगे के हिस्से में दर्द का कारण बन सकती हैं। पैरों में एक प्राकृतिक वसा की परत होती है जो चलते समय उसे झटके या शॉक से बचाती है। लेकिन, जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, इस वसा पैड में अपकर्ष (यानि, पतला हो जाना) हो जाता है और इस झटके को शरीर के ऊपर के हिस्सों तक पहुँचने से नहीं रोक पाता है। सिलिकॉन इन्सोल एड़ी और प्रपदिकीय (मेटाटारसल) क्षेत्र पर पड़ने वाले झटके को जज़्ब कर लेता है। इससे पैर का आर्क बनाये रखने में भी मदद मिलती है।